चंडीगढ़ कोर्ट ने (Kangana Ranaut) कंगना रनौत को फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर जारी किया नोटिस

याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और अन्य उत्तरदाताओं ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में “सिखों की छवि को खराब” करने का प्रयास किया है

Kangana Ranaut

Notice Against Kangana Ranaut

चंडीगढ़: हाल ही में, चंडीगढ़ कोर्ट ने भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उनकी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ के खिलाफ एक शिकायत के चलते जारी किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंगना रनौत और अन्य ने इस फिल्म में सिखों की छवि को खराब करने का प्रयास किया है।

17 सितंबर को चंडीगढ़ जिला अदालत द्वारा जारी किए गए इस नोटिस का आधार वकील रवींद्र सिंह बसी की याचिका है। बसी, जो कि एनजीओ ‘लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी’ के अध्यक्ष भी हैं, ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने फिल्म में पूर्व जत्थेदार को “आतंकवादी” के रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।

कंगना रनौत की फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी

याचिका में बसी ने यह भी कहा कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और उनके सहयोगियों ने सही ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी की है और सिखों को गलत तरीके से चित्रित किया है। उन्होंने कहा, “फिल्म के ट्रेलर में यह दिखाया गया है कि श्री अकाल तख्त साहिब के बैठे जत्थेदार ने अलग राज्य की मांग की, जो पूरी तरह से गलत है। यह केवल सिखों की छवि को खराब करने के लिए किया गया है।”

Kangana Ranaut’s Emergency

सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस

बसी ने अपनी याचिका में यह भी उल्लेख किया कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और अन्य आरोपियों के इस कृत्य से सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, “इस प्रकार के बयानों और प्रस्तुतियों से न केवल सिख समुदाय, बल्कि हर वह व्यक्ति प्रभावित होता है जो सांप्रदायिक सद्भावना में विश्वास करता है।”

कंगना रनौत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग

बसी ने यह मांग की है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और अन्य उत्तरदाताओं के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की जाए। इनमें शामिल हैं:

  • धारा 196(1): धर्म, जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर दुश्मनी बढ़ाना।
  • धारा 197(1): गलत या भ्रामक जानकारी फैलाना।
  • धारा 302: जानबूझकर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना।
  • धारा 299: किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से अपमानजनक कार्य करना।

निष्कर्ष

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म ‘इमरजेंसी’ ने एक बार फिर से विवादों को जन्म दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कंगना रनौत और अन्य उत्तरदाता अदालत के समक्ष अपनी स्थिति को कैसे प्रस्तुत करते हैं और इस मामले का आगे क्या विकास होता है। यह मामला न केवल कंगना की फिल्म के लिए, बल्कि सिख समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

Kangana Ranaut

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